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Milkha singh biography in hindi – मिल्खा सिंह जीवनी हिन्दी मे

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Biography

नमस्ते मित्रों आपका एक बार फिर से स्वागत है हमारी एक और नई जीवनी मैं, आज की ये जीवनी हमारे देश भारत के महान दोडवीर मिल्खा सिंघ के बारे मे है! कोमनवेल्थ जेसे खेलों में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाले मिल्खा सिंघ पहले व्यक्ती थे! Milkha singh biography in hindi
खेलों में उनके इस अमूल्य योगदान के लिए भारत सरकार ने मिल्खा सिंह को चौथे सर्वोच्च सन्मान पद्म श्री से सम्मानित किया गया था! हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू ने भी मिल्खा सिंघ की बहुत तारीफ की थी और नेहरू को मिल्खा सिंघ पर बहुत गर्व था!

मिल्खा सिंघ जन्म और जन्मस्थान (milkha singh biography in hindi)

मिल्खा सिंघ का जन्म भारत के अविभाजित विस्तार पंजाब में एक सिख राठौर परिवार मैं हुआ था! मिल्खा सिंघ का जन्म तारीख 20 नवम्बर 1929 है! Milkha singh biography in hindi

मिल्खा सिंघ ने भारत पाकिस्तान के विभाजन मैं अपने माता-पिता तथा भाई-बहन और अन्य परिवार के सदस्यों को खो दिया इस हादसे के बाद मिल्खा सिंघ के हृदय पर बहुत गहरा असर हुआ था! फिर भारत से शरणार्थी बन के ट्रेन से भारत आ गए. उन्होंने विभाजन मैं बहुत कुछ खोया था और सपनों मैं उनको वो हादसे दिखाई देते थे इसलिए मिल्खा सिंघ ने कुछ एसा कर गुजर ने की ठानी की वो कुछ जीवन मैं कर सके! Milkha singh biography in hindi

फिर मिल्खा सिंघ ने सेना मैं भर्ती होने का निश्चित कर लिया! जब मिल्खा सिंघ बच्चे थे तब वो स्कूल जाया करते थे तब वह घर से स्कूल तक हर रोज 10 किलोमीटर की दोड़ से पूरा करते थे! कड़ी मेहनत और संघर्ष के कारण कोशिस के बाद 1951 को उनको भारतीय सेना में भर्ती कर लिया!

मिल्खा सिंघ बचपन और परिवार

मिल्खा सिंघ का विवाह निर्मल कौर जो सन 1955 मे भारतीय महिला वॉलीबॉल टीम की कप्तान थी उसके साथ 1962 को मिल्खा सिंघ का विवाह हुआ था! शादी के बाद मिल्खा सिंघ के 4 संतान थी जिसमें 3 बेटियाँ और एक बेटा था जिसका नाम जीव मिल्खा सिंघ था जो एक गोल्फ खिलाड़ी था! इस 4 संतान के अलावा भी मिल्खा सिंघ का एक और बेटा था जिसे इन्होंने 1999 को गोद लिया था और उस बेटे का नाम हविलदार बिक्रम सिंघ था पर वह बेटा टाइगर हिल के युद्ध में शहीद हो गया था! Milkha singh biography in hindi

मिल्खा सिंघ की सफलता

मिल्खा सिंघ जब सेना मैं थे तब उन्होंने क्रॉस कंट्री दोड़ मैं उन्होंने छटा स्थान हासिल किया था! इस वज़ह से मिल्खा सिंघ का चयन सेना की स्पेशल खेलकूद की ट्रेनिंग मैं किया गया था! इनके साथ ही मिल्खा सिंघ अपने जीवन में बहुत सारी सिद्धी हासिल की थी जेसे की 200 मीटर और 400 मीटर की स्पर्धा में उन्होंने कुछ ही समय मैं सफ़लतापूर्वक पार कर लिया! इसके साथ ही वह 400 मीटर की दोड़ मैं विश्व में कीर्तिमान धावक रहे! सन 1956 को मिल्खा सिंघ ऑलंपिक खेलों में 200 मीटर और 400 मीटर की दोड़ मैं भारत की टीम से प्रतिनिधित्व कर रहे थे! परंतु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनका अनुभव न होने के कारण वंहा पर उनको सफलता प्राप्त नहीं हुई! Milkha singh biography in hindi

2 साल की कड़ी मेहनत के बाद सन 1958 को मिल्खा सिंघ ने कटक में आयोजित राष्ट्रीय खेल में स्पर्धा ली! 200 मीटर और 400 मीटर की प्रतियोगिता में विजयी होकर राष्ट्रीय कीर्तिमान हासिल की और एशियन खेलों में स्वर्ण पदक हासिल किया था!

सन 1958 को मिल्खा सिंघ ने संयुक्त साम्राज्य में हुए कॉमनवेल्थ खेलों में मिल्खा सिंघ जी ने स्वर्ण पदक हासिल किया जिससे उनकी पूरे भारत देश मैं खूब सारी प्रशंसा हुई! जब यह दोड़ वो पाकिस्तान दोड़वीर से जीत गये तो पाकिस्तान वालो ने तुक्का समजा और मिल्खा सिंघ जी को पाकिस्तान में खेलने के लिए आमंत्रित किया! लेकिन बचपन के हादसे के कारण मिल्खा सिंघ पाकिस्तान पर वापिस जाना नहीं चाहते जंहा पर उन्होंने अपने परिवार को खो दिया था! Milkha singh biography in hindi

लेकिन उपर से राजनैतिक परिस्थितियों के कारण मिल्खा सिंघ जी को यह आमंत्रण स्वीकार करना पड़ा! इस दोड़ में मिल्खा सिंघ ने अपनी जान की बाजी लगा दी और वह सफलतापूर्वक विजेता हुए! वह इतनी रफ्तार से दोड़ रहे थे कि लोग उनको “flying sikh” के नाम से जानने लगे! Milkha singh biography in hindi

मिल्खा सिंघ की यह अविश्वसनीय दोड़ से पाकिस्तान के दर्शक काफी प्रभावित होकर पाकिस्तान की औरतों ने अपना बूरखा उठा कर मिल्खा सिंघ जी को देखने लगी तभी से मिल्खा सिंघ को “flying sikh” नाम मिला! Milkha singh biography in hindi

बाद में मिल्खा सिंघ ने खेलकूद से सन्यास ले लिया और भारत के युवा को खेलकूद के लिए प्रोत्साहित करने लगे!

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मिल्खा सिंघ रिकार्ड और मेडल

मेडल 1:- यह मेडल उनको एशियन गेम्स में उनको सन 1958 को 200 मीटर की दोड़ मैं प्रथम स्थान आने पर स्वर्ण पदक मिला था!

मेडल 2:- यह मेडल उनको एशियन गेम्स में उनको सन 1958 को 400 मीटर की दोड़ में प्रथम स्थान आने पर स्वर्ण पदक मिला था!

मेडल 3:- यह मेडल उनको कॉमनवेल्थ में उनको सन 1958 को 440 यार्ड की दोड़ में प्रथम स्थान आने पर स्वर्ण पदक मिला था!

मेडल 4:- यह मेडल उनको एशियन गेम्स में उनको सन 1962 को 400 मीटर की दोड़ में प्रथम स्थान आने पर स्वर्ण पदक मिला था!

मेडल 5:- यह मेडल उनको एशियन गेम्स में उनको सन 1962 को 4×400 MRelay की दोड़ में प्रथम स्थान आने पर स्वर्ण पदक मिला था!

मेडल 6:- यह मेडल उनको कल्वर नेशनल गेम्स में उनको सन 1964 को 400 मीटर की दोड़ में द्वितीय स्थान आने पर सिल्वर पदक मिला था!

मिल्खा सिंघ बॉलीवुड फिल्म

मिल्खा सिंघ के जीवन के संघर्ष और कीर्तिमान और हौसला देख के बॉलीवुड में 2013 मैं उनके जीवन पर आधारित फिल्म बनाई गई जिसका नाम “भाग मिल्खा भाग” रखा गया था इस फिल्म मैं मिल्खा सिंघ जी की भूमिका “फरहान अख्तर” ने निभाई है इस फिल्म के निर्देशक और लेखक राकेश ओमप्रकाश मेहरा थे! Milkha singh biography in hindi

मिल्खा सिंघ की मृत्यु

फ्लाइंग सीख के नाम से मशहूर मिल्खा सिंघ की मृत्यु 18 जून 2021 को हुई है! 91 वर्ष की उम्र में मिल्खा सिंघ का निधन पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में हुआ था! अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत देश का नाम रोशन करने वाले मिल्खा सिंघ के निधन पर देशवासि दुःखी है! Milkha singh biography in hindi

मिल्खा सिंघ के निधन पर भारत देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मिल्खा सिंघ के निधन पर शोक व्यतित किया है!

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