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जीका वायरस के लक्षण क्या है और केसे फैलता है?

जीका वायरस के अनगिनत प्रकार हैं। जिसमें जिका वायरस का नाम आजकल के समय में सबसे तीव्र गति से लिया जा रहा है।
सबसे पहले जीका वायरस ईस्वी 1947 में युगांडा में स्थित जीका के जंगलों में बंदरों को अपने प्रभाव से प्रभावित किया था।
सन 1954 में पहली बार बंदरों का यह जीका वायरस मनुष्य में देखा गया था।
जीका वायरस से मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, आंख का दर्द, थकान या बेचैनी, पेट में दर्द, हल्का बुखार, जोड़ों का दर्द, विशेष रूप से हाथों या पैरों में आदि जीका वायरस के लक्षण है?
मुख्य रूप से जीका वायरस मच्छरों के काटने से गर्भवती महिला से उसके भ्रूण तक, यौन संपर्क के जरिए और ब्लड ट्रांसफ्यूजन के जरिए भी जीका वायरस फैलता है।
जीका संक्रमण को रोकने का सबसे अच्छा तरीका -  मच्छरों के काटने से बचना, मच्छरों को बढ़ने से रोकना, सुरक्षित यौन संबंध बनाना और फुल स्लीव्स के कपड़े पहनना, कीट निवारक का इस्तेमाल करना, बिस्तर में मच्छरदानी लगाना। इन सब तरीकों से जीका वायरस से बचा जा सकता है।
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